返回

姽婳詞三首(第七十八回)

首頁
    [說明] 賈政與衆幕友談及恒王與林四娘故事,稱其“風流隽逸,忠義感慨”,“最是千古佳談”,命賈蘭、賈環和寶玉各吊一首。

    賈政所叙述的情節是作者利用了舊有明代傳說史事而加工改緝的(參見附錄)。

    “姽婳(音鬼畫)”一詞初見于宋玉《神女賦》,形容女子美好貞靜,所以小說中說,加以“将軍”二字更見奇妙。

     其一(賈蘭) 姽婳将軍林四娘,玉為肌骨鐵為腸。

     捐軀自報恒王後,此日青州土亦香! [注釋] 1.“捐軀”二句——自從林四娘為報答恒王對她的恩寵而拋掉自己生命的那一天之後,青州地方的泥土也是香的了。

    “土亦香”各種脂本都一緻,程高本作“土尚香”,不對。

    “此日”并非“今天”,而是指“捐軀”的“那一天”,所以不該用“尚”字。

    詩句語法常與口語有别,這兩句應如上面所解說的。

    青州,府名,在山東,明初改益都路置,治所在益都(今益都縣)。

     其二(賈環) 紅粉不知愁,将軍意未休。

     掩啼離繡幕,抱恨出青州。

     自謂酬王德,讵能複寇仇? 誰題忠義墓,千古獨風流! [注釋] 1.紅粉、将軍——皆指林四娘。

    上句是寫恒王生前,下句是為恒王死後。

    意未休,心中憤恨不止。

     2.讵能——怎能。

    戚序本、程高本作“誰能”,連上句意,賈環說她本為道義上酬德,非真能有所作為,以“讵”字為是,從庚辰本。

     3.誰題——程高本作“好題”,戚序本作“詩題”,從庚辰本。

    這兩句中“風流”、“忠義”、“千古”等詞,全搬用賈政稱道林四娘的話。

     其三(賈寶玉) 恒王好武兼好色,遂教美女習騎射; 秾歌豔舞不成歡,列陣挽戈為自得。

     眼前不見塵沙起,将軍俏影紅燈裡; 叱咤時聞口舌香,霜矛雪劍嬌難舉。

     丁香結子芙蓉縧,不系明珠系寶刀; 戰罷夜闌心力怯,脂痕粉漬污鲛绡。

     明年流寇走山東,強吞虎豹勢如蜂; 王率天兵思剿減,一戰再戰不成功; 腥風吹折隴中麥,日照旌旗虎帳空。

     青山寂寂水凘凘,正是恒王戰死時; 雨淋白骨血染草,月冷育昏鬼守屍; 紛紛将士隻保身,青州眼見皆灰塵。

     不期忠義明閨閣,憤起恒王得意人; 恒王得意數誰行?姽婳将軍林四娘; 号令秦姬驅趙女,秾桃豔李臨疆場。

     紡鞍有淚春愁重,鐵甲無聲夜氣涼; 勝負自難先預定,誓盟生死報前王。

     賊勢猖獗不可敵,柳折花殘血凝碧; 馬踐胭脂骨髓香,魂依城郭家鄉隔。

     星馳時報入京師,誰家兒女不傷悲! 天子驚慌愁失守,此時文武皆垂首。

     何事文武立朝綱,不及閨中林四娘? 我為四娘長歎息,歌成餘意尚傍徨! [注釋] 1.“秾歌”二句——恒王對美女歌舞已引不起興趣,倒對她們列隊弄槍洋洋自得。

     2.塵沙起——指發生戰争。

     3.“叱咤”句——作者的友人敦誠《鹪鹩庵筆塵》:“吾宗紫幢居士《麗人詩》中有‘脂香随語過’之句,較之‘夜深私語口脂香’(按:白居易《江南喜逢蕭九徹五十韻》中詩句。

    ‘夜深’原作‘靥笑’。

    )尤覺豔媚無痕。

    ”但小說中詩句并非沿襲。

    叱咤,呼喊,吆喝。

     4.丁香結子——狀如丁香花蕾的扣結。

    芙蓉縧,色如芙蓉的絲帶。

     5.戰罷——習戰結束。

    夜闌——夜深。

     6.鲛绡——手帕。

    參見《題帕三絕句》注。

     7.流寇——流竄的盜賊。

    亦常作為對農民起義軍的誣蔑稱呼。

    走——奔馳。

    山東——太行山以東。

     8.強吞虎豹——即強吞如虎豹。

     9.虎帳——軍中主将所在的帳幕。

     10.凘凘——水聲。

     11.不期——想不到。

    忠義明閨閣——即閨閣明忠義。

     12.數誰行(音航)——要算哪一個。

    行,語助詞,用于自稱、人稱各詞之後。

    見張相《詩詞曲語辭彙辭》。

     13.秦姬、趙女——泛指美女。

    古人常說秦國和燕、趙多佳人。

    秦、趙非實指。

    姬,古時婦人的美稱。

    驅,率隊進軍。

     14.血凝碧——《莊子·外物》:“苌弘死于屬,藏其血,三年而化為碧。

    ”後多以“碧血”說效忠死節者。

     15.星馳——指使者快馬如流星飛馳。

     16.餘意尚傍徨——尚有未能盡言的感慨留在心中不去。

    
上一章 章節目錄 下一頁
推薦內容